PLI Scheme: सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के लिए ₹1000 करोड़ के डिसबर्समेंट को दी मंजूरी, जल्द मिलेंगे पैसे
PLI Scheme: सरकार को इस योजना के तहत 3,400 करोड़ रुपये के दावे मिले हैं, जिसमें से मार्च, 2023 तक वह 2,900 करोड़ रुपये का डिसबर्ड्स कर चुकी है.
PLI Scheme: प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना (PLI Scheme) पर एक एम्पावर्ड कमिटी ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर (Electronics Sector) की लाभार्थी कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपये के डिसबर्समेंट की मंजूरी दे दी है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. सरकार को इस योजना के तहत 3,400 करोड़ रुपये के दावे मिले हैं, जिसमें से मार्च, 2023 तक वह 2,900 करोड़ रुपये का डिसबर्ड्स कर चुकी है. इस योजना का उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना, नौकरियां पैदा करना और निर्यात का समर्थन करना है.
अधिकारी ने बताया, समिति की हालिया बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के लिए पीएलआई योजना (PLI Scheme) के तहत 1,000 करोड़ रुपये के डिसबर्समेंट को मंजूरी दी गई. लाभार्थी कंपनियों को वास्तविक भुगतान में अभी कुछ और दिन लगेंगे. यह चालू वित्त वर्ष का पहला वितरण होगा.
ये भी पढ़ें- BP-शुगर मरीजों के लिए रामबाण है गेहूं की ये किस्में, खेती से मोटा मुनाफा
1.97 लाख करोड़ रुपये की योजना
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
इस योजना की घोषणा 2021 में 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी. इनमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, व्हाइट गुड्स (मसलन रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन आदि), कपड़ा, मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग, वाहन, स्पेशियलिटी स्टील फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ड्रोन (Drone) और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं. इस योजना का आउटले 1.97 लाख करोड़ रुपये है. यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है.
32 लाभार्थियों को मंजूरी
मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों सहित बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना (PLI Scheme) के तहत 32 लाभार्थियों को मंजूरी दी गई थी. प्रोत्साहन के वितरण का प्रस्ताव उन संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा पेश किया जाता है जो योजना को लागू कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- SBI ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! UPI पेमेंट करने में आ सकती है दिक्कत, बैंक बताई वजह
इसपर एम्पावर्ड कमिटी द्वारा विचार किया जाता है. इसमें नीति आयोग, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और व्यय विभाग, राजस्व विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग और विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के प्रतिनिधि शामिल हैं.
समिति पीएलआई योजना (PLI Scehem) के तहत चुने गए लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए अपनी सिफारिशें देती है. ऐसे क्षेत्र जहां पीएलआई का वितरण कम है या कंपनियां अपने प्रदर्शन की सीमा को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, वहां संबंधित विभाग योजना में सुधार पर विचार कर रहे हैं. योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल के दिनों में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकें आयोजित की गई हैं. एक अन्य अधिकारी ने उम्मीद जताई कि भुगतान में जल्द ही तेजी आएगी.
12:50 PM IST